A Conurbation of Clouds

“Badlon ke Shahar” so well falls into rhythm with my books on poems,
A Tree named Poetree, Silver Bells Chime and Through Golden Glades.
From the Tree of verses moving on to an arena where silver bells chimed
passing through golden glades as the bells continued to chime, I landed on
Badlon ke Shaharor, the Conurbation of Clouds

210.00
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A Tree Named Poetree

The book is a collection of poems which has been written in the last decade. Most of the poems were written between 2016- 2020. The subjects are varied, and are the outcome of feelings and emotions.

The poet believes poetry is the inference of thought, dream, discernment, and imagination. And that is how this tree has grown and is aptly named, A Tree named Poetree.

 

350.00
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Anahita’s Wanderlust

Characters and episodes from the Sacred Literature and characters from the living world of today merge into the story through the Writer’s pen and imagination. Madhavi and Gwalav’s episode from the. Mahabharata plays a pivotal role meeting with Anahita’s story of today.
Madhavi belongs to the Mahabharata period, in the Book she visits the entities from the Ramayana.
The Book springs from the fertile soil of Madhavi’s story(Mahabharata), The City of Nine Gates (Bhagwat Puran), and light conversation on Quantum Physics put together and Anahita’s Wanderlust was born.
Though based on myths and facts, it is a work of fiction, rising from the imagination of the Writer who was spurred by the young Scientist in the making, Avigyan.

299.00
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Sale! ELEGANCE A Collection of Poems

ELEGANCE A Collection of Poems

ELEGANCE” is a collection of 105 poems. Most of the poems are on love, peace and motherland. That signifies the title of the book. As I am a budding poet and my endeavour is like a bourn. Nevertheless, I want to be a fountain to carry my poems as little waves. And I am sure, once the strangers walking on the edges will hear the murmuring.
In this book I have tried to include many views and values of my own to share with each to love life and the God Almighty. Peace is the goal of life. Nevertheless, we are connected to enmity and divisibility. Now we hear the voice of changes around and we must move in the downstream carrying the messages of global peace and harmony along with love to the motherland. So, I have tried my best to carry these messages through my poems and I hope my loving readers will enjoy the poems and understand the emotions.

Original price was: ₹299.00.Current price is: ₹290.00.
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Geeto ne Tod Diye Dam Kavya Sanghrah

Geeto ne Tod Diye Dam Kavya Sanghrah
400.00
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Hiyaa Ki Batiyan

हिया की बतियाँ अर्थात मन की बातें। मन में हज़ारों विचार एक साथ जब विचरते हैं तो उनमे से बस कुछ ही मस्तिष्क पर छाप छोड़ पाते हैं। बाकी पटल से गायब हो जाते हैं । कुछ विचार ही शब्दों का परिधान पहनकर कभी गद्य में तो कभी पद्य में सृजन का शरीर धारण कर पाते हैं। ये काव्य संकलन “हिया की बतियाँ ” उन्ही विचारों का शब्द मूर्त रूप शरीर का जीवित रूप है।

 

अच्छे बुरे ,आड़े तिरछे ,उलटे पुलटे ,परिपक़्व-अपरिपक़्व , छंद में अछन्द में , आयोजित प्रायोजित कैसे भी विचार मन में आएं,उनका मंथन बहुत आवश्यक है। क्योंकि वैचारिक मंथन से ही समाज की यथास्तिथि का पता चलता है और भविष्य का मार्ग सुझाव या अग्रिम चेतावनी के साथ समझ आता है।

 

इस संकलन में मन में जो भी आया जैसे भी आया वो अक्षरशः मैंने कागज़ पर लिख दिया है।

ये ही तो हैं हिया की बतियाँ जो आप की भी हैं शायद …..

Original price was: ₹450.00.Current price is: ₹440.00.
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Janta ki Awaje

मेरा यह मानना है कि अब सामान्य जन का भी कलम उठाना जरूरी हो चला हैl सत्ता हमेशा से सच लिखने वालों को प्रताड़ित करती है, यह कोई नई बात नहीं है पर अब इसका पैमाना लगातार पहले से बड़ा होता जा रहा हैl अब तो लोकतांत्रिक सरकार की नीतियों का विरोध भी किसी को टुकड़े-टुकड़े गैंग का सदस्य बना सकता है, आप अर्बन नक्सल करार दिए जा सकते हैं, आप देशद्रोही करार दिए जा सकते हैं, आप किसी भगवा भीड़ द्वारा मारे जा सकते हैl इतना तो तय है कि सरकारी इशारों पर चलने वाली सोशल मीडिया पर काबिज ट्रोल आर्मी आपका लगातार जनाजा निकालती रहेगीl

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोकतंत्र के इतिहास के गर्त में समां चुकी हैl जिस लोकतंत्र में न्यायपालिका स्वतंत्र नहीं हो, मीडिया घराने केवल सरकार का प्रचार तंत्र बन चुके हों, सोशल मीडिया पर सरकारी नियंत्रण हो, उस लोकतंत्र में अभिव्यक्ति खतरनाक और आपराधिक शब्द बन चुका है, और आजादी शब्द से तो सरकार भी नफरत करती हैl पर, अभिव्यक्ति के खतरे तो उठाने ही पड़ेंगेl

Original price was: ₹249.00.Current price is: ₹24.00.
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Samidha

परिवर्त्तन प्रकृति का शाश्वत नियम है। काव्य गंगा की मनुहारी सतत् लहरें भी भाव-कूलों के मध्य अपने प्रवाह क्रम में इन परिवर्त्तनों से अनछुई कैसे रह पाती? युग युगान्तरीय पारिवेशिक बदलाव साहित्य की हर विधा में अपना प्रभाव सदैव डालता रहा है। हर युग में साहित्य में प्रयोग होते रहे हैं। कविता के सृजन में कवियों के भाव पटल पर युग धर्मिता एवं पारिवेशिक प्रभाव की जीवंतता ही विभिन्न वादों की जननी रही है। कभी भावात्मक प्रवणता प्रमुख रही है तो कभी शैली, कभी काव्यानुशासन की प्रमुखता रही हैं तो कभी विचार धारा विशेष अपनी छाप छोड़ गई है। कुछ भी हो, काव्य-गंगा की किलकारियां भरती लहरें अपने आयाम को विस्तार प्रदान करते हुए अनवरत प्रवहमान बनी हुई हैं। हाँ, यह भी अकाट्य सत्यहै किअनवरत प्रवाहित गंगा की तटीय धारा मध्यस्थ मुख्यधारा-सी ओजस्वीनहीं हो पाती पर जनकार्य में तटीय जल ही समस्त श्रेय ले जाता है। अतः काव्यसंसार में स्वानुभूत पीड़ाजन्य किसी भी काव्य रचना का महत्त्वकम नहीं आंका जा सकता। परन्तु, वैचारिक गांभीर्ययुक्त मुख्यमार्गीय धारा के प्रखर ओज को दर किनार करने की सोच भ्रम के सिवा कुछ भी नहीं हो सकती।

230.00
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