घृणा, वैमनस्य, डाह, संशय, रहस्य, अथाह प्रेम, विश्वास जैसे प्रत्ययों पर आधारित “नीर क्षीर विवेक” निश्चित ही पाठकों का मन मोह लेगी. लेखिका खुद एक कहानी में स्वीकार करती हैं कि आज के वैज्ञानिक युग में भी कुछ वैसा घट जाता है जिस पर विश्वास करना पड़ता है. शेष संग्रह में.
Reviews
There are no reviews yet.
Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.