नादिरा बेगम बिहार में पटना की रहने वाली एक मुस्लिम महिला थी जिसकी शादी शाहबाज बेग नाम के एक अफ़गानी से हुई थी। शाहबाज बेग काबुल से भारत आया था और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी में काम करता था। उसने काफी संपत्ति अर्जित की। किन्तु उसे कोई औलाद नहीं था। तब शाहबाज ने काबुल से अपने भतीजे बहादुर बेग को पटना लाया और उसे अपना वारिस बनाना चाहा। किन्तु वारिस बनाने के पहले ही शाहबाज की मृत्यु हो गई। फिर बहादुर बेग ने षड्यंत्र कर नादिरा बेगम की संपत्ति हड़प ली और उसे घर से निकाल दिया। नादिरा पटना के एक दरगाह में रहने लगी। फिर एक दिन उसने कलकत्ता के सुप्रीम कोर्ट में अपने हक की लड़ाई के लिए मुकदमा दायर किया और 1777 में वह मुकदमा जीत गयी। इन्हीं घटनाओं को एक उपन्यास के रूप में सरलता से वर्णित किया गया है।
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Nadira Begam-1777
नादिरा बेगम बिहार में पटना की रहने वाली एक मुस्लिम महिला थी जिसकी शादी शाहबाज बेग नाम के एक अफ़गानी से हुई थी। शाहबाज बेग काबुल से भारत आया था और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी में काम करता था। उसने काफी संपत्ति अर्जित की। किन्तु उसे कोई औलाद नहीं था। तब शाहबाज ने काबुल से अपने भतीजे बहादुर बेग को पटना लाया और उसे अपना वारिस बनाना चाहा। किन्तु वारिस बनाने के पहले ही शाहबाज की मृत्यु हो गई। फिर बहादुर बेग ने षड्यंत्र कर नादिरा बेगम की संपत्ति हड़प ली और उसे घर से निकाल दिया। नादिरा पटना के एक दरगाह में रहने लगी। फिर एक दिन उसने कलकत्ता के सुप्रीम कोर्ट में अपने हक की लड़ाई के लिए मुकदमा दायर किया और 1777 में वह मुकदमा जीत गयी। इन्हीं घटनाओं को एक उपन्यास के रूप में सरलता से वर्णित किया गया है।
Weight | .299 kg |
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Dimensions | 20 × 12 × 1 cm |
Author |
Dr. Brajesh Verma |
Publisher |
Namya press |
Series |
Paperback |
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