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Gulrukh Begum -1661

गुलरुख़ बानो बेगम मुगल काल में बंगाल के गवर्नर शाह शुजा की बेटी थी। वह राजमहल (वर्तमान झारखंड) में रहती थी। उसकी शादी औरंगज़ेब के बड़े पुत्र सुलतान मुहम्मद से तय हो गई थी। किन्तु जब शाहजहां की बीमारी की ख़बर के बाद उसके बेटों में जंग छिड़ी तो औरंगज़ेब ने शाह शुजा को गिरफ़्तार करने के लिए अपने पुत्र सुलतान मुहम्मद को भेजा। मुहम्मद ने एक बड़ी सेना के साथ अपने चाचा शाह शुजा पर राजमहल में आक्रमण किया। इसी बीच उसके मंगेतर गुलरुख़ बेगम ने मुहम्मद को एक प्रेम पत्र लिख दिया। एक रात मुहम्मद जंग के मैदान से भागकर गुलरुख़ के पास चला गया और उससे शादी कर ली। उसके क्रूर पिता औरंगज़ेब को इतना गुस्सा आया कि उसने अपने बड़े बेटे सुलतान मुहम्मद, जो कि मुगल वंश का एक वारिस भी था, को ग्वालियर के किले में कैद कर लिया, जहाँ उसकी मौत हो गई। गुलरुख़ बेगम को उसका पिता अराकान (वर्तमान म्यंमार) के रास्ते मक्का ले जा रहा था। तब अराकान के राजा ने गुलरुख़ की इज्ज़त लूटनी चाही। इससे बचने के लिए गुलरुख़ ने आत्महत्या कर ली। इस मार्मिक कहानी को सरलता से ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर एक उपन्यास के रूप में दिखाया गया है।

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गुलरुख़ बानो बेगम मुगल काल में बंगाल के गवर्नर शाह शुजा की बेटी थी। वह राजमहल (वर्तमान झारखंड) में रहती थी। उसकी शादी औरंगज़ेब के बड़े पुत्र सुलतान मुहम्मद से तय हो गई थी। किन्तु जब शाहजहां की बीमारी की ख़बर के बाद उसके बेटों में जंग छिड़ी तो औरंगज़ेब ने शाह शुजा को गिरफ़्तार करने के लिए अपने पुत्र सुलतान मुहम्मद को भेजा। मुहम्मद ने एक बड़ी सेना के साथ अपने चाचा शाह शुजा पर राजमहल में आक्रमण किया। इसी बीच उसके मंगेतर गुलरुख़ बेगम ने मुहम्मद को एक प्रेम पत्र लिख दिया। एक रात मुहम्मद जंग के मैदान से भागकर गुलरुख़ के पास चला गया और उससे शादी कर ली। उसके क्रूर पिता औरंगज़ेब को इतना गुस्सा आया कि उसने अपने बड़े बेटे सुलतान मुहम्मद, जो कि मुगल वंश का एक वारिस भी था, को ग्वालियर के किले में कैद कर लिया, जहाँ उसकी मौत हो गई। गुलरुख़ बेगम को उसका पिता अराकान (वर्तमान म्यंमार) के रास्ते मक्का ले जा रहा था। तब अराकान के राजा ने गुलरुख़ की इज्ज़त लूटनी चाही। इससे बचने के लिए गुलरुख़ ने आत्महत्या कर ली। इस मार्मिक कहानी को सरलता से ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर एक उपन्यास के रूप में दिखाया गया है।

Weight 0.300 kg
Dimensions 22 × 15 × 2 cm
Author

Dr. Brajesh Verma

Publisher

Namya press

Series

Paperback