वैदिक ज्योतिष की अपनी कुछ सीमा रही है। इस सीमा को पाटने का कार्य किया कृष्णमूर्ति जी ने, जिन्होंने उपनक्षत्र से कुंडली देखने की प्रथा प्रतिस्थापित की। पर इस पध्दति की भी अपनी अनेक सीमाएं रहीं। फिर KB आदि कई पध्दतियों का विकास हुआ। सभी की कुछ न कुछ सीमाएं रहीं। इन सीमाओं को समाप्त कर और अनुभव आधारित नए आयामों का समावेश कर, एक नयी पध्दति का सृजन किया गया, और इस विधा को नाम दिया गया GSA यानि गुप्ता सिस्टम ऑफ़ एस्ट्रोलॉजी (Gupta System of Astrology)
प्रस्तुत पुस्तक “फ्यूचर मंथन” भाग 1 और भाग 2, ज्योतिष के क्षेत्र में नयी वैज्ञानिक सोच को परिलक्षित करेगी।
इन पुस्तकों में आरम्भ से ज्योतिष समझने समझाने का प्रयास किया गया है। चमत्कारी सूत्र और विशेष उपाय व टोटके भी दिए गए हैं जो लाभकारी सिद्ध होंगे। हर नियम को एक एक करके और उदाहरण के साथ आसान, सटीक एवं वैज्ञानिक ढंग से समझाने का प्रयास किया है। जन्म कुंडली के अलावा प्रश्न कुंडली और जन्म समय शुद्धिकरण (BTR) पर भी नयी और वैज्ञानिक सोच को परिपूर्णता दी गयी है। बड़ी गहनता से अंक शास्त्र का उपयोग करना भी सिखाया गया है।