“हम सभी को दृढ़ता, सहनशीलता, पुनरुत्थान, स्पष्टता और ताकत की कहानियों की जरूरत है ताकि हम अपने जीवन की प्रोग्राम्ड नीरसता से मुक्त हो सकें और निर्णय ले सकें, भले ही वह अनजाने रास्ते के कारण असहज हों। अगर यह आपके साथ मेल खाता है, तो यह किताब अवश्य पढ़ें।
इस किताब का उद्देश्य बहुत सीधा और सरल है: मेरी तरह किशोरों को खुद को खोजने और खुशहाल और प्रभावी जीवन जीने में मदद करना।
मैंने अपने जीवन और जिन लोगों को मैं जानती हूं, उनकी कई घटनाओं से, किशोर पाठकों के लिए विशेष रूप से लागू होने वाले किस्से और अनुभव चुने हैं, ताकि वे समझ सकें कि जिन परेशान करने वाली दुविधाओं का वे सामना कर रहे हैं, वे दूसरों के जीवन में भी होती हैं। और जैसे अन्य लोग अपनी समस्याओं को हल कर चुके हैं, वैसे ही वे भी अपनी कठिनाइयों को दूर कर सकते हैं।
राशिका अग्रवाल, जिसे आप TEDed वक्ता, एक विश्व रिकॉर्ड धारक, एक ब्लॉगर और पॉडकास्टर, एक उत्साही शास्त्रीय नर्तकी के रूप में पहचान सकते हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वह एक किशोरी है। यह यात्रा आसान नहीं थी, एक अंतर्मुखी से बहिर्मुखी प्रवृत्तियों तक पहुंचना, जिसे उसने वर्षों आत्म-प्रतिबिंबन और एक अंतरराष्ट्रीय वाद- विवाद चैंपियनशिप जीत कर साबित करके दिखाया।
2007 में फरीदाबाद में जन्मी, लोग उसे हमेशा “”स्कॉलर किड- टॉपर राशिका”” के रूप में जानते थे, लेकिन वे यह नहीं जानते थे कि इस स्थिति तक पहुंचने के लिए उसने कितने बलिदान दिए थे। लगातार दबाव में रहना, न केवल दोस्तों से, परिवार से अपितु अपनी ही अंतरात्मा से। खुद को प्रेरित करना, पूर्णता के लिए प्रयास करना, सभी से स्वीकृति प्राप्त करना, यह सब केवल शुरुआत थी।
फिर जैसे-जैसे वह धीरे-धीरे खुलने लगी, उसे एहसास हुआ कि केवल वही नहीं बल्कि उसकी उम्र के अधिकांश लोग भी ऐसा ही महसूस करते थे। तब उसकी यात्रा शुरू हुई और इसी तरह यह पुस्तक जन्मी।
इस पुस्तक का एकमात्र उद्देश्य है कि उसके जैसे किशोरों को जीवन के उतार-चढ़ाव के माध्यम से मार्गनिर्देशन करने में मदद करना, आत्मनिर्भर बनना और खुद का सबसे अच्छा संस्करण बनना।”
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